रोहतक की BMU में आयोजित राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता में पानीपत प्रथम व कुरुक्षेत्र की टीम रनर-अप रही।
सत्य ख़बर, रोहतक, सतीश भारद्वाज:
मंगलवार को बाबा मस्तनाथ विश्वविद्यालय के विधि संकाय का राष्टृीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस प्रतियोगिता में देश भर से अलग अलग विश्वविद्यालय की 36 टीमों के विभिन्न विधि छात्रों ने भाग लिया और अपनी कानूनी कुशलता का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता के दुसरे दिन के कार्यक्रम की शुरुआत सुबह मूट कोर्ट रूम में जजों और सेमी फाइनलिस्ट टीमों के जमावड़े से हुई। आज की इस प्रतियोगिता में पानीपत, गुरुग्राम, कुरुक्षेत्र व आंध्र प्रदेश की कुल चार टीमों ने सेमी फाइनल राउंड में हिस्सा लिया, जिसमें से पानीपत और कुरुक्षेत्र की दो टीमों ने फाइनल राउंड के लिए अपना स्थान सुरक्षित किया। वहीं गुरुग्राम और आंध्र प्रदेश की टीमो ने अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन फाइनल में जाने से चुक गयी।
वहीं फाइनल राउंड में प्रतिभागियों ने उत्कृष्ट तर्क प्रस्तुत किए, जिससे जज और उपस्थित दर्शक प्रभावित हुए। बाबा मस्तनाथ यूनिवर्सिटी के समापन समारोह में विधि संकाय के प्रोफेसर डॉ. सीपी श्योराण,डीन डॉक्टर मनीष दलाल व डीप्टी डीन् डा रीतु व की अध्यक्षता में कार्यक्रम का सफल आयोजन किया। इस प्रतियोगिता में गीता इंस्टीट्यूट ऑफ लॉ, पानीपत ने शानदार प्रदर्शन करते हुए प्रथम स्थान प्राप्त किया, जबकि कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कुरुक्षेत्र रनर-अप रही। इस प्रतियोगिता में देश के विभिन्न राज्यों की 36 टीमों ने भाग लिया था। जिसमें सेमीफाइनल तक चार टीमे ही पहुंच पाई थी। दो दिवसीय चले मूड कोर्ट प्रतियोगिता का शुभारंभ सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर व राजस्थान से विधायक बालक नाथ ने किया था।
मूट कोर्ट प्रतियोगिता के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि समाजसेवी राजेश जैन ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा िक आज के युग में युवा अधिवक्ताओं के लिए कई विशेष विधिक क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करने की संभावनाएं हैं। पर्यावरण संरक्षण की बढ़ती आवश्यकता को देखते हुए, युवा अधिवक्ता पर्यावरणीय कानून में विशेषज्ञता प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही, मानवाधिकार कानून और साइबर लॉ जैसे उभरते हुए विधिक क्षेत्रों में भी करियर बनाने के बेहतरीन अवसर हैं। श्री जैन ने आगे कहा कि बदलते समय के साथ कानूनी क्षेत्र में नई चुनौतियाँ और अवसर उभर रहे हैं, जिनका लाभ युवा अधिवक्ता अपनी विशेषज्ञता से उठा सकते हैं। उन्होंने छात्रों को सलाह दी कि वे सिर्फ पारंपरिक कानूनों तक सीमित न रहें, बल्कि उभरते विधिक क्षेत्रों में भी अपनी पहचान बनाएं।
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) एच.एल. वर्मा ने विजेता और उपविजेता टीमों को सम्मानित करते हुए छात्रों के उत्साह और कानूनी ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि मूट कोर्ट प्रतियोगिता केवल एक प्रतियोगिता नहीं है, बल्कि यह छात्रों के लिए एक वास्तविक अदालत अनुभव प्रदान करने का मंच है, जहां वे अपनी तर्क क्षमता और कानूनी कौशल को निखार सकते हैं। मैं विजेता टीम और सभी प्रतिभागी टीमों को बधाई देता हूं, जिन्होंने अपनी कड़ी मेहनत और समर्पण से यह सफलता प्राप्त की है। उन्होंने आगे कहा कि यह प्रतियोगिता न केवल छात्रों को उनके कानूनी ज्ञान को परखने का अवसर देती है, बल्कि उन्हें पेशेवर जीवन की चुनौतियों के लिए भी तैयार करती है। डॉ. वर्मा ने छात्रों को सलाह दी कि वे निरंतर अभ्यास और अध्ययन के माध्यम से अपनी विधिक समझ को गहरा करें और उभरते कानूनी क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करें। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सभी टीमों को मोमेंटो और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित कर उनके उज्जवल भविष्य की कामना की।
समारोह में विशेष अतिथि के रूप में शेखरराज शर्मा, डिप्टी एडवोकेट जनरल (सुप्रीम कोर्ट), अनुज दहिया (डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी), मोहित राठी व डा नीतु (पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट) भी मंच पर मौजूद थे। विधि प्रतियोगिता और समापन समारोह का भव्य आयोजन डॉ. नेहा आर्य (संयोजक), और डॉ. विनती व आकाशदीप (सह संयोजक) ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस कार्यक्रम में स्टाफ समन्वयक डॉ. प्रमिला, डॉ. राजरानी, डॉ. सीमा, डॉ. हरविंदर, डॉ. राहुल गोयत, डॉ. सोनिया, और मिस गरिमा सहित कई अन्य प्रमुख शिक्षक भी उपस्थित रहे।